धूप [Dhoop] [Transliteration]
2024-07-01 10:59:20
धूप [Dhoop] [Transliteration]
धूप से छन के
धूप से छन के
धुंआ मन हुआ
रूप ये चमके
तन अनछुआ
छिड़ते हैं, बजते हैं
तार जो मन के खनके झनके हैं
कुछ तो हुआ
धूप से छन के...
रोम रोम नापता है
रगों में सांप सा है
सारारारा... भागे बेवजह
सरके है, खिसके है
मुझमें ये बस के
डस के दे गया
दर्द बे-दवा
धूप से छन के...
धूप से छन के
धूप से छन के
छिड़ते हैं, बजते हैं
तार जो मन के खनके झनके हैं
कुछ तो हुआ