कहीं दूर जब दिन [Kahin Door Jab Din] lyrics

Songs   2024-11-24 04:23:59

कहीं दूर जब दिन [Kahin Door Jab Din] lyrics

कहीं दूर जब दिन ढल जाये

साँझ की दुल्हन बदन चुराए

चुपके से आये

कहीं दूर जब दिन ढल जाये

साँझ की दुल्हन बदन चुराए

चुपके से आये

मेरे ख्यालों के आँगन में

कोई सपनों के दीप जलाए

दीप जलाए

कहीं दूर जब दिन ढल जाये

साँझ की दुल्हन बदन चुराए

चुपके से आये

कभी यूँ ही जब हुई बोझल साँसें

भर आईं बैठे-बैठे जब यूँ ही आँखें

कभी यूँ ही जब हुई बोझल साँसें

भर आईं बैठे-बैठे जब यूँ ही आँखें

तभी मचल के प्यार से चल के

छुए कोई मुझे पर नज़र न आये

नज़र न आये

कहीं दूर जब दिन ढल जाये

साँझ की दुल्हन बदन चुराए

चुपके से आये

कहीं तो ये दिल कभी मिल नहीं पाते

कहीं पे निकल आये जन्मों के नाते

कहीं तो ये दिल कभी मिल नहीं पाते

कहीं पे निकल आये जन्मों के नाते

है मीठी उलझन बैरी अपना मन

अपना ही हो के सहे दर्द पराये

दर्द पराये

कहीं दूर जब दिन ढल जाये

साँझ की दुल्हन बदन चुराए

चुपके से आये

दिल जाने मेरे सारे भेद ये गहरे

खो गये कैसे मेरे सपने सुनहरे

दिल जाने मेरे सारे भेद ये गहरे

खो गये कैसे मेरे सपने सुनहरे

ये मेरे सपने, यही तो हैं अपने

मुझसे जुदा न होंगे इनके ये साये

इनके ये साये

कहीं दूर जब दिन ढल जाये

साँझ की दुल्हन बदन चुराए

चुपके से आये

मेरे ख्यालों के आँगन में

कोई सपनों के दीप जलाए

दीप जलाए

कहीं दूर जब दिन ढल जाये

साँझ की दुल्हन बदन चुराए

चुपके से आये

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  • country:India
  • Languages:Hindi, Urdu, Gujarati, Punjabi
  • Genre:Classical, Folk
  • Official site:http://www.jagjitsingh.co.uk/
  • Wiki:http://en.wikipedia.org/wiki/Jagjit_Singh
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